विनम्र निवेदन
संसार के समस्त प्राणियों के पवित्र श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन
जिस दिल में राष्ट्रप्रेम न हो बेकार वो जवानी है
जो राष्ट्रहित में काम न करे, उनके अन्दर खून नहीं पानी है
आस्था के नाम पर बनते है मौत के सौदागर
घर घर की यही कहानी है......................?
संभल जाओ ऐ दुनिया वालो, जिद अपनी छोड़ दो
घर घर में खुशियाँ बांटने, हमारी टीम आने वाली है
जो राष्ट्रहित में काम न करे, उनके अन्दर खून नहीं पानी है
आस्था के नाम पर बनते है मौत के सौदागर
घर घर की यही कहानी है......................?
संभल जाओ ऐ दुनिया वालो, जिद अपनी छोड़ दो
घर घर में खुशियाँ बांटने, हमारी टीम आने वाली है
हम जो कुछ भी लेते है इसी दुनिया से लेते है और जो कुछ भी देते है इसी दुनिया को देते है न हम कुछ लेकर आये थे न ही कुछ लेकर जायेंगे यह भाग्य की विडम्बना है की जब भी हमने पवित्र भारत भूमि पर जनम लिया है तभी हमारी हत्या हुई है और इस बार भी हम घर घर में खुशियों की वो सौगात देने के लिए आये है जिसको पूरा करने के लिए कोई भी राजनितिक दल सक्षम नहीं है और फिर भी हम जानते है की भारतवासी हमारे साथ वफ़ा नहीं करेंगे यदि हमारे परिवार को या हमारी टीम के किसी भी सदस्य को जरासी भी खरोंच पथ से भटके हुए लोगो के कारण आई तो देवलोक से तोहफा लेने के लिए तैयार रहे!
पूरा विश्व एक ऐसे खेल में फँस चूका है जिससे छुटकारा पाना आसान नहीं है ८०% खोज हम कर चुके है तथा २0% खोज धनाभाव के कारण एवं देशभक्तों के हमसे ना जुड़ने के कारण रुक गयी है ऐसे धर्मांध व्यक्ति हमसे उलझने की कोशिश न करे जिसने अहंकार की शराब ज्यादा पी ली हो और उसका नशा उतरने का नाम नहीं ले रहा हो " पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोए ढाई आखर प्रेम के पढ़े सो पंडित होए "
परमात्मा के पुत्र प्रभु ईसा मसीह को सलीब पर लटकाने का परिणाम सारी दुनिया भोग रही है जबकि यह गलती रोम के सम्राट नीरो ने की थी जो व्यक्ति इस दुनिया में आया है उसे चोला बदलने के लिए परमधाम जाना ही पड़ेगा लाखो साल की उम्र का ठेका लिखवाकर कोई यहाँ पर नहीं आया है प्रभु ईसा मसीह को सलीब पर इसलिए लटका दिया गया क्योंकि वे चमत्कार नहीं दिखा सके एक देश के प्रिंस ने हज़ारो साल पहले भारत आकर घोर ताप किया सारा रहष्य जानकार सबको एक ऑटोमैटिक विधान में फंसा दिया क्योंकि देवलोक में ऐसी कोई सजा किसी के लिए नहीं है जो कोई अँधा , लंगड़ा , बहरा , गूंगा हो जाए या लाइलाज बिमारी से ग्रस्त हो जाए ना ही देवलोक ने किसी को यह आज्ञा दी है की आप किसी की भी हत्या करो जब आप किसी को जीवनदान नहीं दे सकते तो किसी का जीवन लेने का अधिकार आपको नहीं है! आप खुद सोच ले की आपको जीभ का स्वाद चाहिए या जिंदगी का स्वाद चाहिए या फिर महाप्रलय चाहिए! ऑटोमैटिक विधान बनाने में नारदजी ने प्रिन्स की काफी मदद की है और जब भी नारदजी कोई खेल रचते है तो वो दुनिया को एक सबक सिखाने के लिए ही रचा जाता है जिसका परिणाम अंत में सुखद होता है, लेकिन इस बार हमें लगता है की उनके खेल का अंत दुखांत में बदलने वाला है कुछ धरम गुरुओं ने नारदजी को निगुरा बताया है यानी की धरती पर आकर उन्होंने कोई गुरु धारण नहीं किया लेकिन नारदजी के हृदय में श्री हरि हमेशा निवास करते है हमें सभी धरम के लोग यह बताएं कि किसके गुरु ने सीधा भगवान् से नाम दान लेकर धरती पर नाम दान की प्रक्रिया चलायी जबकि हमने एक खोज की इस संसार में कौन ऐसा आया है जिसने भगवन से नाम दान लेकर संत मत को आगे बढाया है जो की भारत में स्थित डेरा बाबा जैमल सिंह के नाम से है! हमने गद्दीनशीन सतगुरु को हृदय में बसाकर बिना नाम दान लिए उन् तमाम रहस्यों को जान लिया जिस कारण यह दुनिया रसातल की तरफ जा रही है हमने अपने अधिकारों का प्रयोग करके यह सारी सृष्टी जैमल सिंह की गद्दी पर गद्दीनशीन सतगुरु के श्रीचरणों में रख दी है क्योंकि ये अधिकार हमें देवलोक से प्राप्त है! सतगुरु के दो ही कार्य है १. जीवो को नाम दान देना २.अपने जीवो की संभाल करते हुए उनके जनम जन्मान्तरो के कर्मो को नष्ट करना बाकी सारा काम हमारा है लेकिन जिन लोगो ने नाम दान लेने के बाद सतगुरु के कहे अनुसार जीवन में बदलाव नहीं लाये वो पाप के भागी है और उनके लिए दस गुना सजा देवलोक ने मुक़र्रर की है अभी भी वक़्त है हक हलाल की कमाई खाए, अपने अधीन कर्मचारियों का शोषण उत्पीडन बंद करे, केंद्र सरकार और राज्य सरकार को इमानदारी पूर्वक टैक्स की अदाएगी करे और तब तक अपने गुरु के चरणों में कोई भी भेंट न चढ़ाये अन्यथा यह चढ़ावा पाप की कमाई का माना जाएगा इसीलिए शिष्यों के द्वारा ऐसे कृत्य अपनाने के कारण जो कालिख धरम गुरुओ के चेहरे की तरफ बढती है उसे श्री हरि अपने हाथो से रोककर अपने शरीर पर लपेट लेते है और धरम गुरुओ को पवित्र रखते है तभी ये गीत है " यशोमती मैया से बोले नंदलाला राधा क्यों गोरी में क्यूँ काला " किसी को नहीं पता की भगवन काले क्यूँ होते है आशा करते है की आप भविष्य में कुकृत्य करने से बचेंगे और सच्चाई के रास्ते पर आयेंगे!
भारत माँ सारे संसार की माँ है और एक माँ ही अपने बच्चो (सारा संसार ) को कुदरत के कहर से बचा सकती है यह सब रहष्य खुलने के बाद होगा और तमाम देशो को अपन हथियार नष्ट करने पड़ेंगे श्री हरि उनसे प्यार करते है जो श्री हरि के बनाये हुए समस्त जीवो से प्यार करते है लड़ाई तो अहिंसा के रास्ते से भी लड़ी जा सकती है जैसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी ने अहिंसा के रास्ते से भारत को अंग्रेजो से आजादी दिलाई और बदले में भारतवासियों ने उनका उपकार उन्हें मौत की नींद सुलाकर दिया और इससे ज्यादा आशा हम भारतवासियो से नहीं कर सकते क्योंकि हम जिस भी राष्ट्र विभूति के पास सहयोग मांगने के लिए गए उन्होंने हमारी बातों को अनसुना कर दिया और टीवी चैनल वालो से सहयोग मांगने पर उन्होंने किसी ने एक लाख तो किसी ने पांच लाख मांगे हमें कोई दुकान नहीं खोलनी जो हम इनको पैसा दे दुकान तो इनके बाबा लोग चलाते है!हमारे पास किसीको देने के लिए कोई पैसा नहीं है और ना ही हम किसी से कोई पैसा मांग रहे है आप स्वयं निर्णय ले की सच्चा जनसेवक आपके लिए कौन हो सकता है? इतनी बुद्धि भगवान् ने आपको दे रखी है बड़े बड़े राजा महाराजा आये जो तिलिस्म के धनुष को नहीं तोड़ पाए और जब तक ये धनुष टूटेगा नहीं तब तक किसी भी समस्या का निराकरण नहीं हो सकता और हम बिना राज आज्ञा के इस धनुष को नहीं तोड़ेंगे तिलिस्म के रहष्य को जानने के लिए हमारे टीम लीडर छेह बार मौत के मुह से वापस आये है क्योंकि यह खेल खतरनाक है और फिर भी हम राष्ट्रहित में पीछे नहीं हटेंगे!
हमने एक खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया है जिसमे डेरा बाबा जैमल सिंह के सतगुरु एवं उनके अनुयायी भाग नहीं ले सकते है डेरा बाबा जैमल सिंह के सतगुरु के पास सारे संसार की सुप्रीम पॉवर है और जिस तरह से उन्होंने हमें जगा कर राष्ट्रहित में जो रहष्य दिए है उनकी विशेष अनुकम्पा के हम आभारी है और श्री चरणों में नमन करते है बाकी सभी धर्माचार्यो एवं बुद्धिजीवियों को इस खेल मे सम्मान सहित सादर आमंत्रित करते है यह खेल नितांत अहिंसा के रास्ते से है आशा करते है इस खेल को खेलते समय आप हिंसा त्याग देंगे जिस धर्म के लोग प्रश्नावली का संपूर्ण उत्तर देने में असमर्थ हो उन्हें शर्मिंदा होने की कोई जरुरत नहीं है हम सभी धर्मो का सम्मान बरकरार रखेंगे बस आप अपनी आस्था ,प्रेम,आशीर्वाद का प्रमाणपत्र हमें सौंपने की कृपा करे लेकिन जिस धर्म के धर्माचार्य जान बूझकर हमारे प्रश्नों का उत्तर नहीं देंगे उनकी श्री हरि के किसी भी लोक में कोई मान्यता नहीं होगी इसलिए सभी धर्मो के लोगो से विनम्र आग्रह है कि हमें पत्र का जवाब दे और किसी भुलावे में न रहे !
" चमत्कार न हम करते है और ना ही हम चमत्कार दिखाते है चमत्कार तो आप और आपका धर्म दिखायेगा अगर कोई चमत्कार है तो "
चंद मुट्ठी भर लोगो ने चांदी के चंद सिक्को में बिककर झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई उनके पुत्र दामोदर एवं उनके पति श्री गंगाधरराव को मौत के घाट उतरवा दिया अन्यथा देश उसी समय आज़ाद हो जाता अभी यह लड़ाई ख़तम नहीं हुई है हमारा मिशन है "आओ बढे आजादी की ओर " पूर्ण स्वाधीनता तभी मिलेगी जब इंग्लैंड की महारानी से हम कुछ बेशकीमती चीज़े हासिल करेंगे जिसके बारे में कोई नहीं जानता ! हम भारत माँ को ग्रेट मदर इंडिया के नाम से घोषित करवाएंगे भारत , हिन्दुस्तान , इंडिया ये तीनो नामो को ख़त्म कराएँगे भारत कि भाषा ओर इंग्लैंड कि भाषा २००० वर्ष पहले संस्कृत में थी ! हिंदी , इंग्लिश ओर उर्दू यह तीनो भाषाएँ उसी प्रिंस के द्वारा बनायीं गयी है ! इसके सबूत हम बरामद करवा कर देंगे हिन्दुस्तान में जिस राजकुमारी से प्रिंस ने शादी कि थी उसका नाम शशि था ओर शशि कि माता का नाम कुसुम था यह प्रमाण भी जल्द मिलेंगे जो कि मेसूर राजघराने से सम्बंधित है !
इस संसार को हम तभी बचा पायेंगे जब सभी देशो के राष्ट्राध्यक्ष भारत माँ को अपनी माँ समझकर अपने अपने राष्ट्र के झंडे के साथ तिरंगा झंडा भी फेहरायेंगे हमारे इस कार्य को पुनीत अंजाम देने के लिए हम आहवान करते है श्री आमिर खान , श्री सलमान खान , श्री शाहरुख़ खान, एवं झाँसी की रानी सीरियल में काम करने वाले अनमोल रत्नों का, क्या वो ऋषिकेश आकर हमे सहयोग देंगे? क्योंकि हमें बहुत कुछ याद आ चूका है और आज हम अंग्रेजो का सर शर्मिंदा से झुकाने के लिए सक्षम है हमारे इस पत्र को अश्वमेध यज्ञ का घोडा ही समझना क्योंकि हमें पता है की सतयुग से कलियुग तक के सफ़र में कौन कौन किरदार यहाँ पर मौजूद है ! और धिक्कार है उन् लोगों को जो जिन्होंने आँख के अंधे बनकर रघुकुल की एक महारानी और रघुकुल के दो राजकुमारों की हत्या करवा दी २० वी सदी में!समय आने पर सारा भेद इस बात का खुलेगा की कौन किस रूप में है !
राज आज्ञा हमारे लिए सर्वोपरि है जिस प्रकार मंत्री लोग राजा के पास प्रजा को नहीं पहुँचने देते उसी प्रकार संत्री लोग मंत्रियों के पास हमें नहीं पहुँचने देते हमारी भारत की जनता से विनम्रतापूर्वक विनती है की भारत सरकार एवं राज्य सरकारों से उनका अमूल्य समर्थन हमें दिलाने की कृपा करे ताकि संसार में सबका भला हो एवं पूरे विश्व में भारत माँ का मस्तक ऊंचा हो जो भी राष्ट्राध्यक्ष भारत माँ के प्रति सम्मान प्रकट कर तिरंगा नहीं ले जाएगा तो उनकी देवलोक से कोई मदद नहीं की जायेगी और जो लोग हमें प्रताड़ित करने अथवा हमारे कार्य में टांग अडाने की कोशिश करे माननीय उत्तराखंड सरकार ऐसे लोगो के प्रति कठोर कार्यवाही करे हम नहीं चाहते पथ से भटके हुए लोगो के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो जाए!
केरल के स्वामी पद्मनाथ मंदिर का सारा रहस्य हमारे पास है जिसमे छेह तहखाने ही नहीं और भी बहुत कुछ है और यह उस खजाने का एक छोटा सा हिस्सा है जिन खजानों को भारत की जनता के लिए सुरक्षित रखा हुआ है अगर कोई इन्हें हाथ लगाता है तो उसका दंड भी देवलोक के द्वारा निश्चित ही दिया जाएगा इसलिए इस खजाने से दूर रहना ही अच्छा है जिनको समय आने पर भारत का वो शाशक जिसका ये सारा खजाना है जनता की भलाई के लिए स्वयं उपयोग कर लेगा !
॥ इति श्री ॥
आपकी आस्था ओर स्नेह कि प्रतीक्षा में
संस्थापक यशोदा धर्म
c /o अर्पित सिंघल
२९ /१ , जीवनी माई मार्ग
ऋषिकेश
जनपद - देहरादून
उत्तराखंड
संस्थापक यशोदा धर्म
c /o अर्पित सिंघल
२९ /१ , जीवनी माई मार्ग
ऋषिकेश
जनपद - देहरादून
उत्तराखंड